लखनऊ: मऊ सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। फिलहाल बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया है। ईडी की प्रयागराज यूनिट में दर्ज मुकदमे में करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित करने को आधार बनाया गया है। मुख्तार के अलावा ईडी उनके दोनों बेटों अब्बास और उमर समेत करीबी बृजनाथ यादव, संजय सागर और आनंद की संपत्तियों को लेकर भी जांच शुरू कर रही है।
ईडी का कहना है कि 49 मुकदमों की जांच करने वाली पुलिस ने मुख्तार अंसारी और गैंग की अवैध संपत्ति का जो आंकलन किया है, वह कम है। मुख्तार अंसारी, उनके परिवार के लोगों और गैंग के सदस्यों की करोड़ों की संपत्ति है। ऐसे में ईडी करोड़ों की नामी-बेनामी अवैध संपत्ति का पता लगाकर कार्रवाई करेगी। मुकदमा दर्ज करने के बाद अब ईडी की टीम बांदा जेल जाकर मुख्तार का बयान दर्ज करेगी।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ ईडी ने डोजियर भी तैयार किया है। ईडी टीम ने लिखा है कि मुख्तार ने विकास कांस्ट्रक्शन कंपनी बनाकर करोड़ों का घालमेल किया। मऊ के दक्षिण टोला में ग्राम सभा की जमीन कब्जा की। साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों की जमीन हड़पकर उसे एफसीआई गोदाम के लिए किराए पर दिया। सात साल तक एक करोड़ आठ लाख रुपये सालाना किराया वसूला। इसके अलावा मुख्तार पर विधायक निधि के 25 लाख रुपये के घालमेल को केस आधार बना है। आरोप है कि मुख्तार अंसारी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रुपये निकाले। सरांयलखंसी (मऊ) के एक स्कूल में निर्माण के फर्जी दस्तावेज लगाए जबकि निर्माण कार्य हुआ ही नहीं। इसमें अवैध तरीके से रुपये हड़पने, फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी माना गया।
पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने जो डोजियर तैयार किया है, उसमें मुख्तार अंसारी की मां राबिया बेगम के नाम कई करोड़ की संपत्ति का जिक्र है। इसी प्रकार उनकी पत्नी अशफा अंसारी के पास लाखों के गहने, पजेरो गाड़ी और रिवाल्वर का जिक्र है। ईडी अब उनके बेटों और करीबियों की नामी-बेनामी संपत्ति को खंगालने की तैयारी में है। ईडी को पुलिस की जो रिपोर्ट मिली है उसमें मुख्तार अंसारी का नेटवर्क कई राज्यों के अलावा नेपाल तक फैले होने की बात है। ऐसे में ईडी के अधिकारी मुख्तार और उनके गैंग के 22 एक्टिव सदस्यों की संपत्ति खंगालेगी।
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