वाराणसी : महामना की बगिया कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर से दो गुटों के बीच झड़प का मामला सामने आया है। गुरुवार रात करीब पौने 12 बजे मामूली विवाद के बाद राजाराम और बिड़ला हॉस्टल के छात्र आमने-सामने आ गए। देखते ही देखते दोनों हॉस्टलों के छात्रों की तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान पेट्रोल बम चले और हवाई फायरिंग भी की गई। मामले की जानकारी मिलते ही प्रॉक्टोरियल बोर्ड और कई थानों की पुलिस व पीएसी मौके पर पहुंची। उग्र छात्रों को पुलिस और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य दूर से समझाते रहे, लेकिन छात्र मानने को तैयार नहीं थे। बीएचयू चौकी इंचार्ज राजकुमार पांडेय को भी हाथ व पैर में चोटें आई हैं।

बता दें कि विश्वविद्यालय में एक सितंबर से अंतिम वर्ष के छात्रों की कक्षाएं शुरू होनी हैं। हॉस्टल का आवंटन होना है। दोपहर में अंतिम वर्ष के अलावा सभी कक्षाएं चलाने की मांग को लेकर छात्रों ने सिंह द्वार पर धरना दिया था। रात में राजाराम हॉस्टल में छात्र आपस में बातचीत कर रहे थे। इसी बीच, मामूली कहासुनी पहले विवाद और फिर संघर्ष में बदल गई। देर रात तक दोनों ओर के सैकड़ों छात्र आमने-सामने डटे थे। पत्थरबाजी में कई छात्रों को चोटें आई हैं।

बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. आनंद चौधरी ने बताया कि दोनों गुटों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल मामला नियंत्रण में है। वहीं डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने बताया कि दो हॉस्टल के बीच छात्रों में मारपीट और पत्थरबाजी हुई है। दोनों पक्ष की ओर से तहरीर मिली है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बीएचयू परिसर में इस साल आठ महीने में यह मारपीट और पत्थरबाजी की चौथी घटना है।

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