नई दिल्ली: गुरुवार की शाम को अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले हुए। इन हमलों में 72 लोगों की मौत हो गई, जबकि 143 लोग घायल हुए हैं। वहीं पेंटागन के सुरक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि इस आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की जान गई है और 18 घायल हुए हैं। व्हाइट हाउस कवर करने वाले पत्रकार जैक मिलर ने दावा किया कि धमाके में 11 अमेरिकी मरीन और एक कमांडो की मौत हुई है। काबुल धमाके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि जिसने भी इसे अंजाम दिया है उसे हम माफ नहीं करेंगे न ही इसे भूलेंगे।

वहीं शुरुआत से ही इन बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) का हाथ होने की बात सामने आ रही थी। इस बीच देर रात आईएस ने इसकी जिम्मेदारी भी ले ली। रूसी समाचार एजेंसी ने तीसरा धमाका होने का भी दावा किया है। ये धमाका तालिबान के वाहन पर आईईडी के जरिए हुआ। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने पहले ही काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की आशंका जाहिर की थी। साथ ही अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने की चेतावनी दी थी।

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट के ऐबी गेट के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर फायरिंग करते हुए आया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया। एयरपोर्ट के इस गेट पर ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के सैनिक तैनात रहते हैं। वहीं, दूसरा आत्मघाती हमला एयरपोर्ट के सामने मौजूद बैरन होटल के बाहर हुआ, जो कि ऐबी गेट के ही काफी करीब है। गौरतलब है कि इस हमले से कुछ देर पहले ही आईएस के आतंकियों द्वारा धमाका करने की आशंका जताई गई थी। इसका मकसद पश्चिमी देशों के उन सैनिकों को निशाना बनाना था, जो अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं।

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