लखनऊ: प्रदेश में कानून व्यवस्था और पिछले कुछ दिनों में हुईं घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल व अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को तलब किया। लोक भवन स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों अफसरों से कानून व्यवस्था को बेहतर करने और हाल के दिनों में हुईं घटनाओं को लेकर पूरी रिपोर्ट तलब की।

मुख्यमंत्री ने आज वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान प्रत्येक दशा में हर दिन सुबह 10 से 12 बजे तक कार्यालयों में उपस्थित रहकर जन समस्याओं, शिकायतों का समाधान करें। मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय के साथ-साथ एसीएस होम, डीजीपी स्तर से इस व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि जनता दर्शन से अनुपस्थित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि पुलिस के अंदर जो दागी छवि और आपराधिक छवि के अधिकारी हैं या पुलिसकर्मी हैं या 3 साल से अधिक समय से वे एक ही जिले में तैनात हैं उनके खिलाफ रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जाए। दागदार और आपराधिक छवि वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस के दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को कानून व्यवस्था बेहतर करने सहित पुलिस की जांच में लापरवाही बर्दाश्त न किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मुकदमों से संबंधित विवेचना में तेजी लाई जाए और निष्पक्ष विवेचना की जाएं। इसके अलावा हाल के दिनों में हुई घटनाओं को लेकर भी सख्त रुख अख्तियार करते हुए मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि कहीं पर भी इस प्रकार की घटनाएं होने पर तत्काल दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

घटनाओं को लेकर लीपापोती करने वाले अफसरों को चिह्नित किया जाए और उन्हें जिलों से हटाकर साइड पोस्टिंग दी जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जताई कि व्यापारी मनीष गुप्ता की पुलिस की पिटाई में हुई मौत मामले में कार्रवाई इतनी देर से क्यों की गई। इस घटना में संबंधित अन्य पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा है कि अवैध गतिविधियों में संलिप्त भ्रष्ट आचरण के लोगों के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों को चिह्नित कर सूची तैयार की जाए। सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई होगी। अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों, कार्मिकों की बर्खास्तगी की जाए।

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