रांची: चारा घोटाले के सबसे बड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई गयी है। वहीं उनके ऊपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सोमवार की दोपहर करीब 1:58 बजे सजा की घोषणा की गई। लालू यादव के अलावा चारा घोटाला के इस बड़े मामले में 37 अन्य दोषियों को भी सजा सुनाई गई है।
इससे पहले सीबीआई कोर्ट में डोरंडा ट्रेजरी मामले में दोषियों की हाजिरी हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू प्रसाद यादव रिम्स से ही हाजिर हुए। वहीं बाकी दोषियों के होटवार जेल से जुड़ने की व्यवस्था की गयी थी। बता दें कि लालू प्रसाद यादव फिलहाल होटवार जेल नहीं जाएंगे। उनका रांची के रिम्स में इलाज चल रहा है, अभी उनकी सेहत के हिसाब से वहीं रखे जाने की बात कही जा रही है।
सजा के ऐलान के बाद लालू यादव के प्रसाद यादव के वकील बताया कि लालू यादव इस मामले में करीब आधी सजा यानि 2.5 साल की अवधि पूरी कर चुके हैं, इसलिए वह कोर्ट में अब सिर्फ आधी सजा को पूरा करने की इजाजत देने के लिए अपील करेंगे। बता दें, लालू प्रसाद यादव की सजा के ऐलान से पहले रिम्स और झारखंड हाई कोर्ट के बाहर राजद नेताओं और समर्थकों की काफी भीड़ थी।
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लालू प्रसाद को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने साजिश रचने सहित भ्रष्टाचार की कई धाराओं में दोषी पाया है। इन धाराओं में न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। ऐसे में अब लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है। बता दें, चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू प्रसाद यादव रिम्स के पेइंग वार्ड में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
क्या है मामला
डोरंडा ट्रेजरी केस बहुचर्चित चारा घोटाले में से एक मामला है। 1990-92 के बीच चाईबासा ट्रेजरी से अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़ा करते हुए 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था। इस केस में 10 महिलाएं भी आरोपी हैं। मामले में चार राजनीतिज्ञ, दो वरीय अधिकारी, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी स्तर के और 53 आपूर्तिकर्ता आरोपी बनाए गए हैं। अब मामले में लालू यादव समेत 99 आरोपी हैं जिन्हें अदालत दोषी करार दे चुकी है।