लखनऊ : नौकरशाही से राजनीति में आए एके शर्मा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं। अब वह योगी कैबिनेट में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालेंगे। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एके शर्मा की चर्चा पिछले कुछ सालों से बार-बार होती रही है। कोविड की दूसरी लहर के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में एके शर्मा के समन्वय और कुशल प्रबंधन की काफी तारीफ हुई थी।
1988 बैच के आईएएस अफसर रहे एके शर्मा पीएम मोदी के साथ लंबे समय तक काम कर चुके हैं। पीएम मोदी के गुजरात के सीएम रहने के दौरान उन्होंने वर्ष 2001 से 2013 तक उनके साथ काम किया। करीब 18 वर्षों तक एके शर्मा, मोदी के सबसे भरोसेमंद अफसरों में शामिल रहे। गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी देश के पीएम बने तो एके शर्मा भी गुजरात से डेप्युटेशन पर पीएमओ आ गए। वह यहां ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाए गए। वर्ष 2017 में वह एडिशनल सेक्रेटरी बनाए गए। कहा जाता है कि टाटा नैनो के प्रोजेक्ट को गुजरात ले जाने में एके शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात समिट में अहम भूमिका निभाई और राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश कराया।
मूल रूप से यूपी के हैं एके शर्मा
11 अप्रैल 1962 को भूमिहार ब्राह्मण परिवार में जन्मे एके शर्मा मूल रूप से यूपी के मऊ जिले के रहने वाले हैं। स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर साल-2021 में वह भाजपा में आए। उस समय उनका दो साल का कार्यकाल बाकी था। उन्हें विधानपरिषद के लिए चुना गया था। इसके बाद वह संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष बने। एके शर्मा, कोविड काल में वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई जिलों में खासे सक्रिय थे। उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की लंबे समय से चर्चा थी। योगी 2.0 में इस चर्चा ने मूर्त रूप लिया। माना जा रहा है कि एके शर्मा बतौर मंत्री सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करने ओर जटिल प्रशासनिक मसलों को सुलझाने में ब्यूरोक्रेसी का उनका लंबा अनुभव सरकार के लिए काफी मुफीद साबित हो सकता है।