गाजियाबाद: जिले में तीन दिन पूर्व मसूरी में पेट्रोल पंप कर्मचारियों से हुई 25 लाख रुपये की लूट मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी करती रही, लेकिन आरोपी पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उधर जब सरेंडर की खबर पुलिस को मिली तो वह कोर्ट पहुंची, लेकिन तब तक कोर्ट से उसको न्यायिक हिरासत में लेने का ऑर्डर जारी हो चुका था।

बता दें कि गाजियाबाद में 28 मार्च को पेट्रोल पंप के कर्मी 25 लाख की लूट हुई थी। आसपास के लोगों ने इस लूटकांड का फोटो-वीडियो बना लिया था। इसमें बाइक का नंबर भी कैद हो गया था। लूट में फरार मुख्य आरोपी की पहचान आसिफ के रूप में हुई थी। गाजियाबाद पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच समेत तीन टीमों को लगाया हुआ था। तीनों टीमें लगातार तीन दिन से बदमाशों की तलाश के लिए छापेमारी की कार्रवाई कर रही थी, लेकिन वो पकड़ में नहीं आया।

आसिफ को भी मालूम था कि अगर वह पुलिस के हाथ लग गया तो उसे पहले पुलिस का सामना करना पड़ेगा। इसी डर से आसिफ ने गुरुवार दोपहर गाजियाबाद की एसीजेएम-5 कोर्ट में सरेंडर कर दिया और पुलिस को पता भी नही चला। आरोपित साहिबाबाद थाने से वर्ष 2019 में गैंगस्टर मामले में जेल जा चुका था। करीब एक वर्ष पूर्व जेल से बाहर आया था। आसिफ ने अपने अधिवक्ता पुष्पेंद्र के जरिये कोर्ट में सरेंडर किया है। कोर्ट ने उसको जेल भेज दिया है।

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आसिफ के रिमांड पर पुलिस विभाग की भी किरकिरी हुई है। इसके साथ ही साहिबाबाद पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। सरेंडर का नियम है कि अपराधियों को संरेडर से पहले अपने वकील के जरिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करनी होती है, जिसके बाद कोर्ट संबधित थाने से उसकी रिपोर्ट मांगता है।

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