नई दिल्ली: सड़कों पर वाहनों की संख्या और स्पीड लगातार बढ़ रही है। बढ़ती रफ्तार के चलते भारत में सड़क दुर्घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है। आकंड़े बताते हैं कि देश में हर साल 5 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इन दुर्घटनाओं में 1.5 लाख से अधिक मौतें होती हैं।
सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने के लिए सरकार ने कारों के सेफ्टी फीचर्स को और अधिक मजबूत करने का फैसला किया है। इस फैसले के तहत अब सभी कारों में 6 एयरबैग अनिवार्य होंगे। यह नियम 1 अक्टूबर, 20222 से तैयार होने वाली सभी नई कारों में अनिवार्य रूप से लागू होने जा रहा है। यानी इस साल पहली अक्टूबर से तैयार होने वाली कारों में 6 एयरबैग जरूरी होंगे। देश में बनने वाली सभी कारों में ड्राइवर और फ्रंट पैसेंजर एयरबैग होना पहले से ही अनिवार्य है।
इस साल जनवरी में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 8 लोगों की यात्री क्षमता वाली सभी कारों में 6 एयरबैग अनिवार्य करने के लिए एक मसौदा अधिसूचना को मंजूरी दी थी। इस साल 14 जनवरी को जारी अधिसूचना के अनुसार, 1 अक्टूबर, 2022 के बाद निर्मित M1 सीरीज के वाहन, यानी जिन गाड़ियों में आठ लोग बैठ सकते हैं, में दो फ्रंट साइड एयरबैग और दो कर्टेन एयरबैग लगे होंगे।
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सरकार के इस फैसले से कार कीमतों पर असर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि एयरबैग लगाने से एक कार की कीमत में कम से कम 50,000 रुपये का इजाफा हो सकता है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कुछ समय पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि पैसेंजर कारों में 6 एयरबैग अनिवार्यता कारों को ज्यादा महंगा बना देगी।
ऑटो मार्केट डेटा मुहैया कराने वाले JATO डायनेमिक्स के अनुसार, चार और एयरबैग के जुड़ने से लागत में 17,600 रुपये की वृद्धि होगी। कुछ मामलों में लागत और भी अधिक हो सकती है, क्योंकि कंपनियों को कार की संरचना में इंजीनियरिंग में बदलाव करने की आवश्यकता होगी।
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