प्रयागराज: संगम नगरी में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों के नाम पर रखे गए सड़कों के नाम बदलकर स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के नाम पर रखे जाने की पहल की है। 25 अप्रैल को पीडीए की 133वीं बोर्ड बैठक में सड़कों का नाम बदले जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और कमिश्नर संजय गोयल की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में एक प्रस्ताव तैयार कर नगर निगम प्रयागराज को भेजा गया है। इसको लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व डीजीपी बृजलाल ने एक ट्वीट भी किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली में सड़कों के नाम आतताई मुस्लिम शासकों के नाम पर हैं जो कि शर्मनाक है, इसे सबसे पहले बदलना चाहिए।
इस मामले में प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह चौहान का कहना है कि विकास प्राधिकरण स्मार्ट सिटी के तहत शहर में सड़कों का चौड़ीकरण और सौन्दर्यीकरण कर रहा है। इसके तहत पहले चरण में सात सड़कों का सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण किया गया है, जबकि दूसरे चरण में 13 और तीसरे चरण में 5 सड़कें ली गई थीं। उनके मुताबिक सड़कों के चौड़ीकरण के साथ ही सड़क किनारे पार्किंग, पैदल चलने के लिए मार्ग, हरित पट्टी, ओपन एयर जिम, वेंडिंग जोन जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं। इसके साथ ही साथ यह भी तय किया गया है कि अंग्रेजों के समय जिन पुराने नामों से सड़कें जानी जाती थीं, उनको बदलकर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों के नाम पर सड़कों का नामकरण किया जाए, ताकि लोगों को उससे प्रेरणा मिल सके और गुलामी की दास्तां से भी लोगों को मुक्ति मिले।
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प्रयागराज में भी कई सड़कों के नाम ब्रिटिश काल से चले आ रहे हैं। हालांकि कई सड़कों के नाम पूर्व में भी बदले गए हैं जैसे एल्गिन रोड का नाम बदलकर अब लाल बहादुर शास्त्री मार्ग कर दिया गया है। इसी तरह थार्न हिल रोड का नाम बदलकर दयानंद सरस्वती मार्ग किया जा चुका है। इसी तरह से म्योर रोड का नाम बदलकर बीजेपी के सांसद स्वर्गीय चुन्नीलाल चौधरी के नाम पर रखा गया है। हालांकि अभी भी शहर में कई ऐसी सड़कें हैं जो ब्रिटिश कालीन नामों से ही जानी जाती हैं। इनमे क्लाइव रोड व अन्य सड़कें शामिल हैं। प्रयागराज विकास प्राधिकरण की यह कोशिश है कि स्मार्ट सिटी में सड़कों का जीर्णोद्धार होने के बाद जिस तरह से सड़कों को नई पहचान मिल रही है, उसी तरह से उनका नया नामकरण भी हो, जो कि अंग्रेजों की गुलामी की दास्तां से मुक्त हो और हमारे गौरवशाली इतिहास का भी प्रतीक हो।