लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बीच सत्र में ही शुक्रवार को विधान परिषद में समाजवादी पार्टी (सपा) के लाल बिहारी यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह ने बताया कि सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का प्रयोग करते हुए लाल बिहार यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। अहमद हसन के निधन के बाद विधानमंडल के उच्च सदन में प्रतिपक्ष के नेता बनाए गए सपा के संजय लाठर का कार्यकाल 26 मई को समाप्त हो गया। इसके परिणाम स्वरूप बीच सत्र में ही लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है।

पहले संभावना जताई जा रही थी कि पार्टी अपने वरिष्ठ नेता नरेश उत्तम पटेल या राजेंद्र चौधरी में से किसी को सदन में पार्टी का नेता बनाएगी। लाठर के साथ ही सपा के राजपाल कश्यप और अरविंद कुमार का कार्यकाल भी खत्म हो गया है और अब परिषद में सपा के सदस्यों की संख्या 14 से घटकर 11 रह गई है। उच्च सदन में सपा का संख्या बल छह जुलाई को और भी कम हो जाएगा। उस दिन परिषद के 13 अन्य सदस्यों का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। इनमें सपा के छह सदस्य शामिल होंगे। उस वक्त सपा के पास महज पांच सीटें ही बचेंगी।

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जुलाई में जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें बसपा और भाजपा के तीन-तीन तथा कांग्रेस का एक सदस्य शामिल हैं। हालांकि भाजपा की तीन सीटों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीट भी शामिल है जो विधानसभा के लिए चुने जाने की वजह से सदन की सदस्यता से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। परिषद की खाली हो रही 13 सीटों पर जून के अंत में चुनाव हो सकते हैं।

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