रामपुर: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान की जमानत से जुड़ी इलाहाबाद हाईकोर्ट की शर्त पर रोक लगा दी है। रामपुर विधायक ने अपनी याचिका में दावा किया था कि यह शर्त उनके जौहर विश्वविद्यालय के एक हिस्से को ढहाने से संबंधित है, जिसे कथित तौर पर शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके बनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्त प्रथम दृष्टया असंगत है और दीवानी अदालत की ‘डिक्री’ की तरह लगती है। इसके अलावा सुप्री कोर्ट ने जौहर विश्वविद्यालय से संबंधित इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्त को चुनौती देने वाली आजम खान की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब भी मांगा है।
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वहीं सपा विधायक आजम खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि रामपुर के जिलाधिकारी ने एक नोटिस जारी कर विश्वविद्यालय की इमारतों को खाली करने और उन्हें गिराने की बात की है। इस पर पीठ ने कहा कि वह हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्तों पर रोक लगा रही है और अब मामले की सुनवाई छुट्टियों के बाद करेगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्त को चुनौती देने वाली सपा विधायक आजम खान की याचिका पर सुनवाई के लिए 24 मई को सहमति दी थी।
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