लंदन: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को भारत, जर्मनी, नॉर्वे, चेक गणराज्य और हंगरी में कीव के राजदूतों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति की वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी दी गई है। राष्ट्रपति जेलेंस्की के इस फैसले का तत्काल कोई कारण नहीं बताया गया है। यह भी ज्ञात नहीं हो सका है कि क्या इन देशों में नए राजदूतों की नियुक्तियां कब की जाएंगी। जेलेंस्की ने अपने राजनयिकों से यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सैन्य सहायता जुटाने का आग्रह किया है, जिससे उनका देश रूस के आक्रमण का जवाब दे सके।

ब्रिटिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक जर्मनी के साथ यूक्रेन के संबंध, विशेष रूप से कनाडा में रखरखाव के दौर से गुजर रहे जर्मन-निर्मित टर्बाइन को लेकर अस्थिर रहे हैं। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी, जो अपनी ऊर्जा आपूर्ति के लिए रूस पर बहुत अधिक निर्भर है, चाहता है कि ओटावा रूस की दिग्गज नेचुरल गैस कंपनी गजप्रोम को टर्बाइन लौटा दे, जिससे यूरोप में गैस की आपूर्ति जारी रहे। दूसरी ओर, कीव ने कनाडा से टर्बाइन रखने का अनुरोध करते हुए कहा है कि इसे रूस को भेजना मॉस्को पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा।

इस बीच शनिवार को G20 बैठक में, यूक्रेन ने कहा कि रूस के साथ उसके संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ आ रहा है। साथ ही उसने अपने सहयोगियों से डोनबास में रूस के सैन्य आक्रमण को रोकने के लिए और अधिक हथियार उपलब्ध कराने का आग्रह किया। दूसरी ओर यह संकेत देते हुए कि क्रेमलिन समझौता करने के मूड में नहीं है, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य अभियान’ के लिए रूस पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण ऊर्जा की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

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रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, इंडोनेशिया में G20 बैठक में अपने पश्चिमी समकक्षों के साथ भिड़ गए। पश्चिमी देशों ने रूस से आग्रह किया कि वह यूक्रेन को अपने अनाज की खेप दुनिया में भेजने की अनुमति दे। आपको बता दें कि रूस ने गत 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया था, जिसे वह ‘विशेष सैन्य अभियान’ कह रहा है। दोनों देशों के बीच बीते 5 महीने से युद्ध जारी है। यूक्रेन के ज्यादातर बड़े शहर रूसी मिसाइल व हवाई हमलों में तबाह हो गए हैं। वहां के करोड़ों नागरिक पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं।

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