लखनऊ: मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इस बीमारी से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। संदिग्धों के नमूने जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे भेजे जाएंगे।

केरल के बाद दिल्ली में भी मंकी पॉक्स के मरीज मिल चुके हैं। प्रदेश में भी दो संदिग्धों का सैंपल जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजा गया है। इसके बाद से प्रदेश सरकार अलर्ट जारी किया है। सरकार की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, मंकी पॉक्स के प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की 21 दिनों तक मॉनिटरिंग की जाए। लक्षण दिखने पर तत्काल नमूना लेकर भेजा जाए।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ पांडेय ने बताया कि मंकी पॉक्स मौजूदा समय में 70 से अधिक देशों में फैल चुका है। बताया कि मंकी पॉक्स वायरस के लक्षण चेचक की तरह होते हैं। यह वायरस त्वचा, आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित जानवर के काटने या संक्रमित व्यक्ति के छूने से फैल सकता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार आता है। इसके बाद धीरे-धीरे शरीर में चेचक की तरह घाव होने लगते हैं, जो पूरे शरीर में फैल जाते हैं। यह फोड़े और फुंसी का आकार ले लेेते हैं।
माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने कहा कि मंकी पॉक्स वायरस की जांच की सुविधा बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अभी नहीं है। इसकी जांच पूरे प्रदेश में कहीं नहीं हो रही है। निर्देश दिए गए हैं कि लक्षण दिखने पर नमूना लेकर एनआईवी पुणे जांच के लिए भेजा जाए।

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