लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि विभाग और राहत आयुक्त कार्यालय के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि अब तक जिन जिलों में कम बारिश हुई है और उसकी वजह से खरीफ की फसलों की रोपाई-बोवाई पर असर पड़ा है, वहां के हालात पर नजर रखी जाए। साथ ही इसकी सूचना केन्द्र सरकार को भी भेजी जाए। कृषि, सिंचाई, राहत, राजस्व आदि सभी संबंधित विभाग अलर्ट मोड पर रहें।
यह बातें मुख्यमंत्री ने सोमवार की शाम कृषि, राहत, सिंचाई, राजस्व आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मानसून की बारिश और खरीफ की फसलों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा बैठक में कहीं। एक सप्ताह बाद मुख्यमंत्री फिर समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 31 जुलाई तक प्रदेश में कुल 191.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि वर्ष 2021 में हुई 353.65 मिमी और वर्ष 2020 में हुई 349.85 मिमी वर्षा के सापेक्ष कम है।
इस बीच एकमात्र फिरोजाबाद जिला ऐसा रहा जहां सामान्य (120% से अधिक) वर्षा हुई। इन परिस्थितियों के बीच सभी किसानों से संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए। जरूरत के अनुसार किसानों को हर संभव सहायता दी जाएगी, एक भी किसान का नुक़सान नहीं होने देंगे। फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, खीरी, औरैया, चित्रकूट, प्रतापगढ़, वाराणसी और हापुड़ में सामान्य (80% से 120%) और मथुरा, बलरामपुर, ललितपुर, इटावा, भदोही, अम्बेडकर नगर, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, कन्नौज, जालौन, मेरठ, संभल, सोनभद्र, लखनऊ, सहारनपुर और मिर्जापुर में सामान्य से कम (60%-80%) वर्षा हुई है।
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प्रदेश में 30 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से 40% से 60% तक ही वर्षा दर्ज की गई है। जबकि 19 जिलों में 40 फीसदी से भी कम बरसात हुई है। इन जिलों में खरीफ फसलों की धान की रोपाई व अन्य फसलों की बोवाई प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा। कानपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, गोंडा, मऊ, बहराइच, बस्ती, संतकबीरनगर, गाजियाबाद, कौशाम्बी, बलिया, श्रावस्ती, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, कुशीनगर, जौनपुर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद और रामपुर जिले में सामान्य की तुलना में मात्र 40% बरसात हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जिलों पर विशेष ध्यान रखा जाए।
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बताया कि रामपुर ऐसा जिला है सामान्य की तुलना में मात्र 18% बरसात ही हुई लेकिन अब तक यहां 98% फसल की बुआई हो चुकी है। वहां नहरों से फसलों की सिंचाई की समुचित व्यवस्था है। सामान्य वर्षा न होने के कारण खरीफ फसलों की बोआई का कार्य प्रभावित हुआ है। हालांकि 19 जुलाई के बाद हुई बरसात से स्थिति में काफी सुधार हुआ है।
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खरीफ अभियान 2022-23 के तहत 13 जुलाई की अद्यतन स्थिति के अनुसार प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष आज पहली अगस्त तक 81.49 लाख हेक्टेयर की बोआई हो सकी है, जो कि लक्ष्य का 84.8 फीसदी ही है। गत वर्ष इसी तिथि तक 91.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर बोआई हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों के आंकलन के अनुसार अगस्त और सितंबर में वर्षा की स्थिति सामान्य रहेगी। 15 जिले ऐसे हैं जहां लक्ष्य के सापेक्ष 75 फीसदी से कम बोआई हुई है। इनकी परिस्थिति पर सतत नजर रखी जाएगी।