अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समर्थक प्रभाकर मौर्य द्वारा बनाए गए योगी के मंदिर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मंदिर निर्माण को लेकर मंदिर बनाने वाले प्रभाकर मौर्य के सगे चाचा ने 21 सितंबर को मुख्यमंत्री को एक शिकायती पत्र भेजा है। इसमें आरोप लगाया गया है कि प्रभाकर मौर्य ने सरकारी बंजर जमीन को कब्जा करने की नियत से उस भूमि पर सीएम योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनाया है जबकि यह सरकारी बंजर जमीन है। यह पत्र प्रभाकर मौर्या के चाचा ने जिलाधिकारी को भी भेजा है।
सीएम को भेजी गई शिकायत में रामनाथ मौर्या ने आरोप लगाया है कि वह और उनके बड़े भाई जगन्नाथ मौर्या की जमीन आपस में मिली हुई है। जगन्नाथ मौर्या के बेटे प्रभाकर मौर्य ने जमीन कब्जा करने की नियत से उनके द्वारा लगाए गए पेड़ काट दिए और लकड़िया उठा ले गए। इसके बाद खाली जमीन पर उन्होंने जमीन कब्जा करने की नियत से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनवा दिया है। रामनाथ मौर्या ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इस मामले की शिकायत की है और प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
इस मंदिर को लेकर बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है। इस मामले को लेकर विपक्ष ने जिस जमीन पर मंदिर बनाया गया उसे सरकारी बंजर जमीन बताकर रामनाथ मौर्या के नाम के बहाने सीएम योगी को घेरने की कोशिश की है। खास बात ये है कि जमीन कब्जा करने की शिकायत तब आई जब इस खबर की चर्चा हर तरफ हो गई।
21 सितंबर 2022 को रामनाथ मौर्या ने इसकी लिखित शिकायत आइजीआरएस पोर्टल पर और जिलाधिकारी से की है। इससे पहले किसी भी तरह की कोई शिकायत किए जाने के प्रमाण रामनाथ मौर्या के पास नहीं है। चर्चा इस बात की भी है कि विपक्ष ने पूरे मामले को तूल देने के लिए राम नाथ मौर्या को मोहरा बनाया है। इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मामले का जिक्र करते हुए तंज कसा है कि आखिरकार इस मंदिर पर बुलडोजर कब चलेगा।
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