नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने बगावत करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर सोमवार को प्रदेश उपाध्यक्ष सहित अपने पांच बागी नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। निलंबित किये गये भाजपा नेताओं में पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी ‘किन्नौर’, किशोरी लाल ‘अन्नी’ मनोहर धीमन ‘इंदोरा’, के एल ठाकुर ‘नालागढ़’ और पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष कृपाल परमार शामिल हैं।

भाजपा द्वारा इन नेताओं को टिकट नहीं दिया गया है। इसके बाद यह सभी अपनी-अपनी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। राज्यसभा के पूर्व सदस्य परमार फतेहपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी के एक बयान में कहा गया है, ‘भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।’

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इससे पहले भाजपा के 12 से अधिक नेताओं ने घोषणा की थी कि वे 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, युवराज कपूर और धर्मशाला ब्लॉक के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस ले लिया है। भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची में अपने 11 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है। इसके साथ ही दो मंत्रियों का विधानसभा क्षेत्र बदल दिया है। इसी को लेकर भाजपा के भीतर मतभेद उभरने लगे।

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