लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर लखनऊ में एफआईआर कराई गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर विवाद बयान दिया था। इसी मामले में हजरतगंज कोतवाली में यह एफआईआर दर्ज कराई गई है। समाजवादी पार्टी पहले ही इसे मौर्य का निजी विचार कहते हुए पूरे विवाद से खुद को अलग कर चुकी है। इस मामले में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा है कि वह चुप क्यों हैं। यह मौर्य का नहीं उनका अपना बयान है।
फिलहाल, हजरतगंज कोतवाली में यह एफआईआर आईपीसी की धारा 295 ए ,298, 504, 505(2),153a में दर्ज हुई। यह एफआईआर ऐशबाग के शिवेंद्र मिश्रा ने दर्ज कराई है। एफआईआर के फौरन बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अखिलेश यादव से सवाल किया कि विवादित बयान देने के इतनी देर बाद भी उन्होंने न तो इसकी निंदा की है न कुछ कहा है। तो क्या यह समझा जाए कि यह बयान स्वामी प्रसाद मौर्य का नहीं खुद अखिलेश का है? केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश से मांग की है कि वह इस पर अपना रुख स्पष्ट करें।
अभी तक इस तरह की चर्चा हो रही थी कि खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस पूरे विवाद से खुश नहीं है। सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मौर्य को विक्षिप्त तक कह दिया था। चौधरी ने भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव से सवाल किया कि क्या पार्टी मौर्य के बयान से सहमत है। पार्टी का इस पर क्या स्टैंड है अखिलेश साफ करें। हालांकि, इसके बाद सपा की ओर से रविदास मेहरोत्रा ने बयान जारी करके कहा कि मौर्य ने अज्ञानवश यह बयान दिया है। पार्टी उनके इस बयान से सहमत नहीं है, यह उनके निजी विचार हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि अखिलेश यादव इस पर कार्रवाई करेंगे।
रविदास मेहरोत्रा ने आगे कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर जो बयान दिया है वह उनका निजी बयान है। यह पार्टी का स्टैंड नहीं है। मेहरोत्रा का कहना था कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अज्ञानतावश दोहे का गलत अर्थ निकाला है। फिलहाल, बयान तो स्वामी प्रसाद मौर्य का था लेकिन इससे छीछालेदर उनसे ज्यादा समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की हो रही है।
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