नई दिल्ली: यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू को बड़ी राहत मिल गई है। लखीमपुर कांड में आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने आठ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जमानत के दौरान आशीष मिश्रा को यूपी और दिल्ली से बाहर रहना होगा और जेल से निकलने के 1 हफ्ते के अंदर आशीष मिश्रा को यूपी भी छोड़ना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अभी फाइनल जमानत अर्जी पर अपनी अंतिम राय जाहिर नहीं कर रहा है। आशीष मिश्रा जमानत मिलने के एक हफ्ते के भीतर यूपी से बाहर चले जाएंगे। वो यूपी या एनसीआर में नहीं रह सकेंगे। वो अपनी लोकेशन के बारे में अदालत को जानकारी देते रहेंगे। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि उन्होंने या उनके परिजनों में से किसी ने अगर किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की तो उनकी जमानत रद्द हो जाएगी। कोर्ट ने मामले के 4 अन्य आरोपियों को भी अंतरिम ज़मानत दी। कोर्ट ने कहा कि आशीष मिश्रा जहां भी रहेंगे, वहां के थाने में उन्हें हाजिरी लगानी होगी। मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर आज फैसला सुनाया, जो वर्ष 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक आरोपी है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने गत 19 जनवरी को मिश्रा की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
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