नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शनिवार को कहा कि वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं और डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी अडाणी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है।
1. ‘अदाणी समूह पर सवाल पूछना जारी रखूंगा’
राहुल गांधी ने कहा कि “असली सवाल यह है कि अदाणी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका है?” उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह फिर से सदन में अडाणी मामले पर बोलेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, “अदाणी जी की शेल कंपनी हैं, उनमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने निवेश किया है, ये पैसे किसके हैं? यह सवाल मैंने पूछा। मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में पूछा। मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटाया गया।”
2. ‘अदाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए खेला जा रहा खेल’
राहुल ने ओबीसी समुदाय के अपमान करने के भाजपा के आरोप पर कहा कि मैंने हमेशा भाईचारे की बात की है, यह (मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामला) ओबीसी के बारे में नहीं है। अयोग्य ठहराने, मंत्रियों द्वारा आरोप लगाने का पूरा खेल अदाणी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए खेला गया। अगर वे मुझे स्थायी रूप से भी अयोग्य करार दे देते हैं तब भी मैं अपना काम करता रहूंगा। मैं यहां भारत के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज की रक्षा करने के लिए हूं। ऐसा करता रहूंगा, मैं किसी से नहीं डरता।
3. ‘लोकसभा में बोलने का मौका नहीं मिला’
राहुल गांधी ने कहा, “मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था। मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका मिले। मैं स्पीकर के चैंबर में गया। मैंने कहा कि यह कानून है, नियम है। इन लोगों ने झूठा आरोप लगाया है। आप मुझे बोलने क्यों नहीं दे रहे? स्पीकर साहब मुस्कुराए और उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता।”
4. ‘अयोग्य ठहराए जाने से मुझे फर्क नहीं पड़ता’
राहुल ने कहा, ‘‘मुझे अयोग्य ठहराया गया, क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डरे हुए थे जो अदाणी पर होने वाला था। मैंने उनकी आंखों में यह डर देखा है।’’ उन्होंने कहा कि मुझे सदस्यता मिले या नहीं मिले। मुझे स्थायी रूप से अयोग्य ठहरा दें, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि संसद के अंदर रहूं या नहीं रहूं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था।
राहुल ने कहा, “मैं सच्चाई को देखता हूं, सच्चाई बोलता हूं। यह बात मेरे खून में है…यह मेरी तपस्या है, उसको मैं करता जाऊंगा। चाहे मुझे अयोग्य ठहराएं, मारे-पीटें, जेल में डालें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे अपनी तपस्या करनी है।’’ उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह सदन में अडाणी मामले पर अपना अगला भाषण देने वाले थे।
5. ‘मेरा नाम गांधी, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता’
विपक्षी एकता के मुद्दे पर राहुल ने कहा कि मेरा समर्थन करने के लिए मैं सभी विपक्षी दलों का आभार व्यक्त करता हूं, हम सभी मिलकर काम करेंगे। सरकार द्वारा घबराहट में की जा रही कार्रवाई से विपक्ष को फायदा मिलेगा। राहुल से जब एक पत्रकार ने मानहानि मामले में माफी मांगने को लेकर सवाल किया तो राहुल ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।
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