प्रयागराज : राजू पाल हत्याकांड के बाद गवाह उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया था। उमेश पाल ने इस मामले में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अपहरण मामले में 28 मार्च को सजा सुनाई जा सकती है। इसलिए अतीक अहमद के साथ ही उसके छोटे भाई अशरफ को भी पुलिस बरेली केंद्रीय जेल 2 से प्रयागराज लेकर आ रही है।
प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ रात में ही बरेली पहुंच गई थी। सुबह नौ बजे अशरफ को जेल से निकाला गया तो बड़ी संख्या में मीडिया का जमावड़ा मौके पर था। पुलिस ने जेल गेट पर गाड़ी इस तरह लगाई कि मीडिया से अशरफ की सीधी बात ही नहीं हो सकी। हालांकि गाड़ी में अशरफ के बैठने के बाद मीडिया ने उससे पूछा कि उसे कोई खतरा तो नहीं है तो अशरफ ने अंदर से हाथ हिलाकर खतरे से इनकार किया।
दोनों को मंगलवार को प्रयागराज की एमपीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां दोनों को सजा सुनाई जाएगी। यह पहली बार होगा जब अतीक को किसी मामले में सजा सुनाई जाएगी। उसके ऊपर 100 मुकदमे दर्ज हुए लेकिन हर बार कानूनी दांव-पेंच अपनाकर वह बच जाता था। गत 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक और उसके कुनबे पर कानून का शिकंजा कसना शुरू हो गया था।
दरअसल, राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का 2006 में अपहरण कर लिया गया था। 2007 में बसपा सरकार आने पर उमेश पाल की ओर से इस मामले में अतीक समेत 11 लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले की सुनवाई 23 मार्च को पूरी हो चुकी है और 28 मार्च को फैसला सुनाया जाना है।
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