प्रयागराज: मुख्तार अंसारी के परिवार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आज मुख्तार अंसारी के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी की दुकानों का नक्शा मांगे जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन मोहम्मदाबाद नगर पालिका ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में नोटिस वापस ले लिया गया है। जिसके बाद इन दुकानों पर अब कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। राज्य सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इसकी जानकारी दी है।
बसपा सांसद अफजाल अंसारी की दुकानों के नक्शे मामले में प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे के आधार पर कोर्ट ने याचिका को निरस्त कर दिया है। जिसमें बताया गया है कि नगर निगम द्वारा इस मामले में नोटिस का वापस ले लिया गया है। दरअसल अंसारी परिवार के सदस्यों ने नगर पालिका मोहम्मदाबाद गाजीपुर द्वारा 35 दुकानों का नक्शा मांगे जाने को चुनौती दी थी। ये याचिका बसपा सांसद अफजाल अंसारी, उनके बड़े भाई सिगबत उल्लाह अंसारी, चचेरे भाई मंसूर अंसारी और दो बहनों की ओर से दाखिल की गई थी।
दरअसल ये दुकानें 1975 से 1997 के बीच बनीं हैं। अफजाल अंसारी व परिवार के अन्य लोगों के हिस्से में ये 35 दुकानें बनी हुई हैं, जिनके नक्शे को लेकर पहले मोहम्मदाबाद नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किया गया था। अंसारी परिवार की ओर से दायर की गई दलील दी गई थी कि नगर पालिका को इतनी पुरानी दुकानों का नक्शा मांगने का कोई अधिकार नहीं है। इस मामले पर चीफ जस्टिस प्रीतिंदर दिवाकर और जस्टिस एस डी सिंह की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।
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