गाजीपुर: मुख्तार अंसारी से जुड़े गैंगस्टर एक्ट वाले केस में शनिवार को सजा सुना दी गई है। गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 16 साल पुराने मामले में पूर्व विधायक को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को गैंगस्टर एक्ट के मामले में मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दस साल की सजा सुनाई और पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। ये मामला बीजेपी के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ा हुआ है। इस केस में बीएसपी के वर्तमान सांसद और मुख्तार अंसारी के भाई पर भी गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है।

बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ ये मामले बीजेपी के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता की हत्या के मामले में दर्ज किया गया था। मुख्तार और अफजाल अंसारी के खिलाफ 2007 में मुहम्मदाबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस केस की सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी वीडियो कॉफ्रेंसिंग की जरिए बांदा जेल से जुड़े थे। 2005 में मुहम्मदाबाद स्थित बसनिया चट्टी के पास कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी।

कृष्णानंद राय के साथ ही सात लोगों की हत्या की गई थी। अभी मुख्तार अंसारी यूपी स्थित बांदा जेल में बंद हैं। हालांकि बीते 15 अप्रैल को ही इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। लेकिन शनिवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। फैसला सुनाए जाने से पहले गाजीपुर में अदालत के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कोर्ट के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात थे। बता दें कि मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा सीट से कई बार विधायक रह चुका है।

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