पटना : पटना हाईकोर्ट ने जातिगत जनगणना पर अंतरिम रोक लगा दी है। ऐसे में बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल बिहार में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण मामले पर पटना उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश वी चन्द्रन की खंडपीठ ने अपना अंतरिम फैसला सुनाते हुए तत्काल प्रभाव से जातिगत जनगणना पर रोक लगा दी है।

बता दें, इससे पहले पटना हाईकोर्ट में जातीय जनगणना को लेकर सुनवाई कल ही पूरी कर ली गयी थी। इस दौरान पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा है कि आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है? जातीय गणना कराना सरकार के अधिकार क्षेत्र में है या नहीं? इस गणना का उद्देश्य क्या है? क्या इसे लेकर कोई कानून भी बनाया गया है? जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि तीन दिन में सुनवाई कर पटना हाई कोर्ट मामले में अंतरिम आदेश दे।

वहीं गुरुवार को पटना में जातिगत जनगणना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित जनगणना सब लोगों के राय से तय हुआ है। यह सबके हित के लिए हो रहा है, लेकिन मुझे समझ में नहीं आ रहा इसका विरोध क्यों हो रहा है। इसका मतलब लोगों को मौलिक चीजों की समझ नहीं है। ये पहले अंग्रेज़ों के जमाने से तो होता ही था, ये 1931 से बंद हुआ।

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