बलिया: उत्तर प्रदेश का बलिया जिला भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। पिछले तीन दिनों में आधिकारिक तौर पर 55 लोगों की मौत अलग-अलग कारणों से हो गई। मौतों के कारणों की जांच और रिसर्च करने रविवार को लखनऊ से वैज्ञानिकों की टीम बलिया पहुंचने वाली है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को लू लगने से अब तक दो लोगों की मौत का दावा किया और बाकी मरीजों की मौत अन्य कारणों से हुई।
डॉ. जयंत कुमार ने बातचीत में हीट स्ट्रोक से अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि की। जिला अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक 40 फीसदी लोगों मौत बुखार से और 60 फीसदी लोगों की मौत अन्य बीमारियों के कारण हुई है। जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल में रोगियों के लिए स्वास्थ्य का माकूल इंतजाम किया गया है। अस्पताल में 15 बिस्तर (बेड) बढ़ाए गए हैं। कूलर, पंखा और एसी का इंतजाम भी किया गया है। जिला अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस. के. यादव के मुताबिक वर्तमान में रोगियों की संख्या काफी अधिक है।
जिला अस्पताल में हर दिन 125 से 135 मरीज भर्ती हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में 15 जून को 154 भर्ती होने वाले रोगियों 23 की विभिन्न कारणों से मौत हो गई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की मौतों का बताया कारण कि भीषण गर्मी की वजह से अंडर लाइन डिजीज के बुजुर्ग मरीजों की बीमारियों को गर्मी और ज्यादा उभार दे रही है।
16 जून को 20 रोगियों ने और 17 जून को 11 रोगियों ने दम तोड़ दिया। उन्होंने साफ किया कि तीन दिन में 55 लोगों की मौत विभिन्न कारणों से हुई है। आजमगढ़ मंडल स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक ओ. पी. तिवारी ने शनिवार शाम पत्रकारों को बताया था कि बलिया में मरीजों की मौत के मामलों की जांच लखनऊ से आ रहा स्वास्थ्य विभाग का एक दल करेगा और जांच रिपोर्ट के बाद ही मौत के उचित कारणों का पता चल पाएगा।
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