नई दिल्‍ली: देश के कई राज्यों में तेज गर्मी और लू से होने वाली मौतों को लेकर केंद्र सरकार एक्शन में आ गयी है। मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने उच्च स्तरीय बैठक की जिसमे हीटवेब प्रभावित राज्यों में केंद्रीय टीमें भेजने का फैसला लिया गया। इसके अलावा केंद्र ने इन राज्यों को हर तरह से भदद का भरोसा भी दिया। केंद्र सरकार हीटवेब प्रभावित राज्यों के संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बुधवार को अलग से एक बड़ी बैठक करने जा रही है। मंगलवार को मौसम विभाग, डिजास्टर मैनेजमेंट और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों की  मदद के लिए कई फैसले किए।

हीटवेब की सबसे ज्यादा खबरें ओडिशा, छत्तीसगढ़, वेस्ट बंगाल, तेलंगाना, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से आ रही है। इन राज्यों के मंत्रियों और डिजास्‍टर मैनेजमेंट के अधिकारियों के साथ बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की उच्च स्तरीय बैठक होगी जिससे कि हीटवेब को लेकर ठीक तरीके से एक्शन लिया जा सके और हीटस्ट्रोक से किसी की मौत ना हो। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को निर्देश दिया गया है कि वो हीटस्ट्रोक से होने वाली मौतों को रोकने के लिए मौसम विभाग, डिजास्टर मैनेजमेंट और दूसरे सम्बंधित विभागों के साथ मिलकर लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म मजबूत योजना बनाएं।

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केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मनसुख मांडवियाने कहा, ‘मौसम विभाग के प्रिडिक्‍शन के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी महीने में ही एक बैठक की थी जिसमें पीएम ने सभी राज्यों से हीट स्ट्रोक से बचने के लिए एक्शन प्लान बनाने को कहा था। जिसे देखते हुए हेल्थ मिनिस्ट्री ने नेशनल एक्शन प्लान ऑफ हीट रिलेटेड इलनेस के बारे में 2021 से ही तैयारी की थी। फरवरी के आखिर में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि हीटवेब की वजह से किसी की मृत्यु ना हो उसके लिए राज्य सरकारें उचित कदम उठाएं। इस बैठक में  स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीय ,नीति आयोग से डॉ पॉल, एम्स के डायरेक्टर श्रीनिवासन, डीजी आईसीएमआर और एक्सपर्ट भी बैठक मौजूद रहें।

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