अमिताभ ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने बगैर इजाजत विश्वविद्यालय के गेट पर धरना प्रदर्शन कर हंगामा किया। उन्होंने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ यूनियन भवन में जबरन घुसने की कोशिश की। उनके इस कार्य से यूनिवर्सिटी का माहौल बिगड़ा और कानून व्यवस्था के लिए भी खतरा उत्पन्न हुआ। अमिताभ ठाकुर को बुलाने वाले छात्रों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। यूनिवर्सिटी में चल रहे छात्रों के आंदोलन को 19 जुलाई को समर्थन देने के लिए पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर यहां पहुंचे थे। कुछ दिन पूर्व यूनिवर्सिटी में मीडिया स्टडीज के छात्र आशुतोष कुमार दुबे की मौत हो गई थी। इस मामले में भी वह छात्रों को समर्थन देने पहुंचे थे।
दरअसल, चीफ प्रॉक्टर डॉ राकेश सिंह की ओर से पहले ही मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी गई थी। लेकिन मामला पूर्व आईपीएस से जुड़ा होने की वजह से पुलिस के अधिकारी एफआईआर करने से बच रहे थे। लेकिन शुक्रवार को जब मामले में तूल पकड़ा और पुलिस कमिश्नर ने फटकार लगाई तब इस मामले में आनन-फानन में कर्नलगंज थाने पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को नामजद कर मुकदमा दर्ज किया। जबकि पूर्व आईपीएस को बुलाकर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में हंगामा कराने के आरोप में भी 3 छात्रों हरेंद्र कुमार मनीष कुमार और सुजीत कुमार यादव के खिलाफ भी एक दूसरा मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।