गोरखपुर: रेलवे बोर्ड के विशेष प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गई है। रेलवे ने इसके लिए जिला प्रशासन को 122 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिए हैं। जिला प्रशासन ने भी जमीन अधिग्रहण के लिए अधिकारी की तैनाती कर दी है। जल्द ही किसानों से औपचारिकताएं पूरी कराकर उनके खाते में मुआवजे की रकम भेजी जाएगी।
सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन बनने से दक्षिणांचल का इलाका भी रेल लाइन से जुड़ जाएगा। सरयू नदी होने की वजह से इस इलाके में बाढ़ की समस्या भी रहती है। इसे देखते हुए इस लाइन को रेलवे बोर्ड ने विशेष प्राेजेक्ट का दर्जा भी दे दिया है। विशेष प्रोजेक्ट की वजह से रेलवे को इस प्रोजेक्ट के लिए रुपये की कोई भी कमी नहीं है। यही वजह है कि रेलवे बोर्ड ने इस वित्तीय वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
इसमें पूर्वाेत्तर रेलवे प्रशासन ने 122 करोड़ रुपये जिला प्रशासन को भेज दिए हैं। प्रोजेक्ट के तहत 112 गांवों में कुल 533 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें 109 गांव गोरखपुर और तीन गांव मऊ जिले के शामिल हैं। 81 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट पर 1319 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 300 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी है। रुपये मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण की तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी है।
81 किलोमीटर की इस लाइन को बिछाने में 10 बड़े और 47 छोटे पुल बनाए जाएंगे। इनमें सरयू नदी पर सबसे बड़ा पुल शामिल है, जो दोहरीघाट और बड़हलगंज के बीच होगा। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगस्त के पहले सप्ताह में इसे जारी करने की तैयारी है।
81 किलोमीटर के रेल लाइन प्रोजेक्ट को कुल तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में सहजनवां से बांसगांव के बीच रेल लाइन बिछाई जाएगी। जबकि दूसरे चरण में बांसगांव से बड़हलगंज और तीसरे चरण में बड़हलगंज से न्यू दोहरीघाट के बीच रेल लाइन बिछेगी। इसमें सहजनवां को जंक्शन बनाया जाएगा।
कुल 12 स्टेशन होंगे
इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें सहजनवां, पिपरौली, खजनी, उनवल, बैदौली, बांसगांव, उरुवा, बनवारपार, गोला बाजार, भरौली, बड़हलगंज, न्यू दोहरीघाट शामिल हैं।
सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सहजनवां-दोहरीघाट रेल लाइन को विशेष प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया गया है। इस वित्तीय वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जमीन अधिग्रहण के लिए प्रशासन को 122 करोड़ रुपये भेज दिए गए हैं। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रशासन ने अपने स्तर से शुरू कर दी है। इसके लिए अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। साथ ही पुलों के निर्माण के लिए जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा।