नई दिल्ली: विश्वकर्मा जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को बड़ी सौगात दी हैं। पीएम ने जिस योजना की शुरुआत की उसकी घोषणा उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ही कर दी थी। योजना के लिए सरकार 13000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। स्कीम असंगठित क्षेत्र के कारीगरों और पारंपरिक शिल्पकारों के लिए बेहद अहम है। इसके अंतर्गत कुल 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर रविवार को इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर, द्वारका में एक नई योजना ‘पीएम विश्वकर्मा’ शुरू करने से पहले भगवान विश्वकर्मा को पुष्पांजलि अर्पित की। जिसके बाद उन्होंने विश्वकर्मा योजना की शुरूआत की।
केंद्र सरकार की ओर विश्वकर्मा जयंती के मौके पर शुरू की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत के पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने की एक अहम पहल है। कई क्षेत्रों में समय के साथ कुछ पारंपरिक व्यवसाय ऐसे थे, जिसका हुनर होते हुए भी कारीगरों का काम नहीं मिल पाता था। ऐसे में वे अपने पुराने व्यवसाय को छोड़ने पर मजबूर हो जाते थे। भारत में कई ऐसे व्यवसाय हैं, जो विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए एक नई आशा की किरण लेकर आई है। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत शुरुआत में 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल कर रही है। इसके लिए 13000 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया जाएगा। योजना के तहत लाभार्थियों का चयन करने से पहले उन्हें एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कुल 18 व्यवसायों में किसी भी एक या अधिक की स्किल वाले कारीगरों को सरकार लाभ देगी। स्कीम के तहत जिन व्यवसायों को शामिल किया गया है उनमें लोहे का काम करने वाले कारीगर यानी लोहार, ताला बनाने वाले, कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोभी, दर्जा, मछली का जाल बनाने वाले सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राज मिस्त्री, डलिया, चटाई और झाड़ू बनाने का व्यवसाय संभालने वाले करीगर हैं। विश्वकर्मा स्कीम का लाभ लेने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए आवेदन किया जा सकता है। ये रजिस्ट्रेशन पूरी तरह बायोमेट्रिक होगा। पंजीकरण पीएम विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम के किया जा सकेगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत स्किल ट्रेनिंग के अवधि में प्रतिदिन के हिसाब से 500 रुपये का स्टाइपेंड भी मिलेगा। ट्रेनिंग पूरी होने पर पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट दिया जाएगा। आईडी कार्ड, बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग से जुड़े स्किल अपग्रेडेशन के साथ प्रोत्साहन के तौर पर 15,000 रुपये का टूलकिट भी दिया जाएगा। इसके साथ ही व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार 1 लाख तक रियायती ब्याज दर पर लोन भी उपलब्ध कराएगी। ये लोन दो किस्तों में होगा। पहली किस्त 1 लाख रुपए की होगी। इसके अलावा 2 लाख रुपये तक कोलेटरल फ्री क्रेडिट सपोर्ट बनवाया जाएगा, जो डिजिटल ट्रांजेक्शन और मार्केटिंग सपोर्ट के लिए होगा।
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