नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 9 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेनें 11 राज्यों के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को आपस में जोड़ेंगी, जिनमें राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिमी बंगाल, केरल, ओडिशा, झारखंड और गुजरात शामिल हैं। पीएम मोदी नई ट्रेनों के उद्घाटन कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के विस्तार का, यह अभूतपूर्व अवसर है। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की यह स्पीड और स्केल 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से बिलकुल मैच कर रही है। यही तो आज का भारत चाहता है। यही तो नए भारत के युवाओं, उद्यमियों, महिलाओं, कारोबारियों और नौकरी-पेशा से जुड़े लोगों की प्रेरणा है। आज एक साथ 9 वंदे भारत ट्रेन का शुरुआत होना भी इसी का उदाहरण है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे ‘विमेन लेड डेवलपमेंट’ के विजन को दुनिया ने सराहा है। अपने इस विजन पर आगे बढ़ते हुए सरकार ने संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश किया, जिसे मंजूरी मिल चुकी है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के आने के बाद हर सेक्टर में महिलाओं के योगदान और उनकी बढ़ती भूमिका की चर्चा हो रही है। आज कई रेलवे स्टेशनों का संचालन भी महिला कर्माचारियों के द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था। हालांकि, हमारी सरकार आज रेलवे की कायापलट करने की दिशा में काम कर रही है। सरकार ने रेल बजट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की है। इस साल रेलवे का बजट साल 2014 में आवंटित बजट से आठ गुना ज्यादा है। वंदे भारत ट्रेनों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। 1,11,00,000 से अधिक यात्री पहले ही इन ट्रेनों से यात्रा कर चुके हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी पर जोर दिया जा रहा है। ये वंदे भारत ट्रेनें इसी भावना का एक प्रतिबिंब हैं। आज एक साथ राजस्थान, गुजरात, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल के लोगों को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सुविधा मिली है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत को अपने रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए पहली बार रेलवे स्टेशनों का विकास और आधुनिकीकरण शुरू किया गया है। आज देश में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए फुटओवर ब्रिज और एस्केलेटर का निर्माण किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही 500 से ज्यादा बड़े रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास शुरू हुआ। हर रेलवे स्टेशन का जन्मदिन भी होता है। रेलवे ने अब स्टेशनों का स्थापना वर्ष मनाना शुरू किया है। तमिलनाडु के कोयम्बटूर और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल रेलवे स्टेशन से इस पहल की शुरुआत हुई है।
पीएम मोदी ने अपनी सरकार के दौरान रेलवे के कायापलट के बारे में बात करते हुए कहा, ‘देश के कई रेलवे स्टेशन गुलामी के काल में बने थे। विकसित होते भारत को अपने गुलामी के प्रतीक रेलवे स्टेशनों को भी डेवलप करना ही होगा। हम सभी जानते हैं कि ऐसे कई रेलवे स्टेशन हैं जो पिछले कई सालों से विकसित नहीं हुए हैं। इन स्टेशनों को विकसित करने का काम चल रहा है। आजादी के अमृत काल में जो भी स्टेशन विकसित होंगे उन्हें ‘अमृत भारत स्टेशन’ कहा जाएगा। आज देश में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए रिकॉर्ड संख्या में फुट ओवर ब्रिज और एस्केलेटर्स का निर्माण हो रहा है। पहले की सरकारों में रेल मंत्रालय किसे मिलेगा इसकी सबसे ज्यादा चर्चा होती थी। माना जाता था कि रेल मंत्री जिस राज्य से होगा वहीं पर ज्यादा ट्रेन चलेंगीं। होता भी ऐसा ही था। ट्रेनों का ऐलान तो हो जाता था, लेकिन वे कभी चल नहीं पाती थीं। इस परंपरा ने देश का बहुत नुकसान किया है। अब हम किसी राज्य को पीछे छोड़ने की गलती नहीं दोहरा सकते। अब सभी राज्यों में बराबर विकास होता है।’