नोएडा: साल 2006 में जिस निठारी कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, उस मामले में पिछले कई वर्षों से जेल में बंद मोनिंदर सिंह पंढेर आज शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया। इससे पहले सोमवार 16 अक्टूबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 65 वर्षीय पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को 2006 के सनसनीखेज मामले में यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपराध साबित करने में विफल रहा और इससे जांच में गड़बड़ हुई।

लुक्सर जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ”आज हमें अदालत से दूसरा आदेश (पंढेर की रिहाई से संबंधित) प्राप्त हुआ है। उचित औपचारिकताओं के बाद दोपहर तक उसे रिहा कर दिया जाएगा।” मुख्य आरोपी कोली अभी भी गाजियाबाद के डासना जेल में बंद है। वह 14 वर्षीय लड़की की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काटेगा। निठारी का सनसनीखेज मामला उस समय प्रकाश में आया था जब 29 दिसंबर, 2006 को राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में पंढेर के मकान के पीछे ड्रेन में आठ बच्चों के कंकाल पाए गए थे।

मोनिंदर सिंह मूल रूप से पंजाब का रहने वाला था और साल 2000 में दिल्‍ली आया था। वहीं, सुरेंद्र कोली, जो उत्तराखंड के अल्‍मोड़ा के एक गांव का रहने वाला था दिल्‍ली में एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था। कहा जाता है कि कोली खाना बेहतरीन बनाता था। साल 2003 में वह पंढे़र से मिला और उसके घर पर नौकर बनकर का काम करने लगा। सुरेंद्र कोली के आने के बाद मोनिंदर सिंह की फैमिली उसे छोड़कर पंजाब चली गई। तब से वह कोली के साथ रहने लगा।

मोनिंदर सिंह अक्सर इस कोठी पर कॉलगर्ल बुलाता रहता था। एक बार उसके नौकर सुरेंद्र कोली ने वहां आई एक कॉलगर्ल से रिलेशन बनाने को कहा तो कॉलगर्ल ने उससे ऐसा कुछ कह दिया कि सुरेंद्र नाराज हो गया और उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और लाश को कोठी के पासवाले नाले में फेंक दिया। यह निठारी गांव की D-5 कोठी में पहला मर्डर था।

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