वेस्ट बैंक: फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास पर बुधवार को जानलेवा हमला हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के काफिले की कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या करने की कोशिश की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्बास को ‘सन ऑफ अबु जंदाल’ ने इजरायल के खिलाफ जंग का एलान करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इस आतंकी संगठन ने ऐसा न करने पर अब्बास को अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी। कल इस डेडलाइन के खत्म होने के बाद अब्बास के काफिले पर हमला किया गया जिसमें फिलिस्तीन के राष्ट्रपति बाल-बाल बच गए। बता दें कि ‘सन ऑफ अबु जंदाल’ ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है।
आतंकी गुट के हमलावरों द्वारा राष्ट्रपति के काफिले पर हमले का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि किस तरह ‘सन ऑफ अबू जंदाल’ के आतंकी राष्ट्रपति अब्बास के काफिले पर गोलीबारी कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक घर के सामने खड़े गाड़ी के आसपास कुछ बंदूकधारी मौजूद थे। हमलावरों द्वारा चलाई गई एक गोली खुले में मौजूद अब्बास के एक बॉडीगार्ड को लगी, जिसके बाद वह जमीन पर गिर गया। इस बीच इजरायली सेना ने मंगलवार को कहा था कि उसके सैनिक अब गाजा शहर के ‘अंदरूनी इलाकों’ में हमास से लड़ रहे हैं, जिसके बाद जंग के और तेज होने की आशंका बलवती हो गई है।
हमास के साथ युद्ध के एक महीना पूरा होने पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इस जंग के बाद इजरायल गाजा में अनिश्चित काल तक के लिए ‘समग्र सुरक्षा जिम्मेदारी’ लेगा। उनके इस बयान के बाद माना जा रहा है कि इजरायल गाजा पट्टी को पूरी तरह से अपने कब्जे में लेना चाहता है। एक इंटरव्यू के दौरान नेतन्याहू ने यह भी कहा था कि वह हमलों को ‘थोड़ी-थोड़ी देर के लिए रोकने’ को तैयार हैं, ताकि हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए हमले के दौरान बंधक बनाए गए 240 से अधिक लोगों की रिहाई सुनिश्चित की जा सके।
गाजा में इजरायल लगातार हवाई हमले कर रहा है और यहां की करीब 23 लाख आबादी में से अधिकांश लोग इजरायली आदेश के अनुसार अपने घर छोड़कर दक्षिणी भाग की ओर चले गये हैं, लेकिन वहां भी बमबारी जारी है। पूरे इलाके में खाने-पीने के सामान, दवाइयों, ईंधन और पानी की भारी कमी है। हमास शासित गाजा पट्टी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि गाजा में मृतकों की संख्या बढ़कर करीब 10 हजार हो गई है, जिनमें 4100 से ज्यादा बच्चे हैं।
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