लखनऊ: दोबारा सीएम बनने के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। इस बीच गुरुवार को उन्‍होंने प्रदेश के समस्त चयन आयोगों/बोर्डों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान सीएम योगी ने सभी सेवा चयन बोर्डों को 100 दिनों का लक्ष्य तय करते हुए 10 हजार से अधिक प्रदेश के युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान करने की कार्यवाही का आदेश दिया है।

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी से जोड़ने और उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही बताया कि राज्य सरकार ने विगत पांच वर्षों में प्रदेश के युवाओं को साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियों से जोड़ने का काम किया था। यही नहीं, उन्‍होंने सभी विभागों को अधियाचन समय से भेजने के निर्देश दिए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री ने अधियाचन व्यवस्था के डिजिटलीकरण की प्रगति की जानकारी भी हासिल की।

इसके अलावा सीएम योगी ने साफ निर्देश दिया है कि भर्ती प्रक्रियाओं में आरक्षण के नियमों का पूर्णतः पालन किया जाए। भर्ती प्रक्रिया को शुचितापूर्ण, पारदर्शी, निष्पक्ष और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए परीक्षा एजेंसी के चयन एवं परीक्षा केन्द्रों के चयन में विशेष सावधानी बरती जाए। साथ ही उन्‍होंने कहा कि अभ्यर्थियों का वेरीफिकेशन तय समय में पूर्ण किया जाए। सीएम योगी ने भर्ती परीक्षाओं को संबंधित संस्थाएं शासन, संबंधित विभाग और जिला प्रशासन के साथ संवाद एवं समन्वय बनाते हुए पूरा करने का निर्देश दिया है।

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इसके अलावा योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया की अवधि को कम करने के सार्थक प्रयास किए जाएं। वहीं, नियुक्ति प्रक्रिया को सरल एवं समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाए। साथ ही सीएम योगी ने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं में तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। इससे पहले सीएम योगी ने अधिकारियों की बैठक में सभी विभागों को रिक्तियों की सूची तैयार करने का आदेश दिया था। उन्‍होंने अधिकारियों को भर्तियों में ईमानदारी और शुचिता को प्राथमिकता पर रखने का निर्देश दिया है, ताकि क्षमतावान युवाओं को नौकरी मिल सके।

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