नई दिल्ली: देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर मुगल गार्डन का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ कर दिया गया है। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज इस ‘अमृत उद्यान’ की आधिकारिक शुरुआत करेंगी। राष्ट्रपति भवन के प्रतिष्ठित मुगल गार्डन को अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा, जो 31 जनवरी से जनता के लिए खुलेगा और 26 मार्च तक जनता के लिए खुला रहेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार सुबह 11 बजे अमृत उद्यान की औपचारिक शुरुआत करेंगी। बहरहाल इस नाम बदलने पर सियासत भी तेज हो गई है।

सपा के नेता अबू आजमी ने कहा कि इस देश के इतिहास को मिटाने की कोशिश हो रही है। फिर भी इतिहास मिटाया नहीं जा सकता, इतिहास लिखा नहीं जाता, रचा जाता है। हमारे यहां टीपू सुल्तान के नाम पर एक मैदान था, इन्होंने सत्ता में आते ही सबसे पहले मैदान का नाम बदला। टीपू सुल्तान तो देश को बचाने के लिए सबसे आगे थे, ऐसी मिसाल देश में कहीं मिलती नहीं है। जबकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मुगलों ने न जाने कितने हिंदुओं का कत्ल किया, कितने मंदिरों को नष्ट किया। केवल मुगल गार्डन ही नहीं बल्कि पूरे देश से इनका नाम हटा देना चाहिए। अधिकारी ने कहा कि BJP की सरकार बंगाल में आएगी तो एक हफ्ते में अंग्रेजों और मुगलों का नाम हटा देगी।

वहीं बीजेपी के कई नेताओं ने मुगल गार्डन का नाम बदलकर ‘अमृत उद्यान’ करने के फैसले को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है। वहीं विपक्षी दलों ने सरकार को सलाह दी कि वह नाम बदलने के बजाय नौकरियां बढ़ाने और महंगाई को काबू करने पर ध्यान केंद्रित करे। कांग्रेस ने नाम बदलने पर आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस और भाकपा ने इस कदम को खारिज किया और वाम दल ने इसे ‘इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास’ करार दिया।

ऐसी ही महत्वपूर्ण खबरों के लिए लिंक पर क्लिक करें।

Share this:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *